पंजाब संसदीय चुनाव अगले साल होंगे और उससे पहले राज्य के मुख्य सचिव कैप्टन अमरिन्द सिंह इस्तीफा दें दिया है । इस तरह वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। वह शनिवार को राजभवन पहुंचे राज्यपाल बनवारालाल पुरोहित से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों से चर्चा करने के बाद आगे के फैसले करेंगे।
आखिर क्यों दिया अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा ?
- नवजोत सिंह सिद्धू ने CM अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था |
- कई मंत्री और विधायक अमरिंदर सिंह के खिलाफ हो गए थे |
- नवजोत सिंह सिद्धू ने बिजली का मामला उठाया |
- अमरिंदर सिंह को दिल्ली तलब किया गया |
- सरकार में अधिकारियों की मनमानी होने का आरोप लगाया |
- आलाकमान ने कैप्टन के सामने वादे पूरे करने की शर्त रखी थी |
- कैप्टन पर हाईकमान को नजरअंदाज करने का आरोप लगा था |
- आलाकमान ने पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की थी |
- नवजोत सिंह सिद्धूने कैप्टन की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए |
- कुछ विधायकों ने अमरिंदर सिंह को नहीं हटाए जाने पर आप में जाने की धमकी दी थी |
इस्तीफा देने के बाद राजभवन के बाहर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने आज सुबह ही फैसला ले लिया था | मैंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष से बात की थी और उनसे यह भी कह दिया था कि मै इस्तीफा दे रहा हूं.’’ अमरिंदर सिंह के अनुसार, ‘‘यह तीसरी बार हो चूका है. पहले विधायकों को बुलाया, दूसरी बार बुलाया और तीसरी बार बैठक कर रहे हैं | मैं अपमानित महसूस करता हूं. मेरे ऊपर अगर संदेह है तो ऐसे में मैंने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया जाए.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को जिस पर भरोसा हो, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है|
यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो इस पर अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा.’’इस सवाल पर कि क्या वह नए मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे. उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति का सवाल है, तो एक विकल्प हमेशा रहता है, समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा. मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा.’’ इससे पहले, कांग्रेस के 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की थी. इसी पत्र के बाद पार्टी आलाकमान ने विधायक दल की बैठक बुलाने का निर्देश दिया |